1. To build a Darul Iqama (Hostel) for girls, so that the Talib of the area can get daily and Asri training by staying with Qayam Taam.
2. To establish a library for madrasas.
3. To arrange beds, beds, etc. for every student.
4. There is a shortage of space for madrasa. At present, the existing madrasa building is 180/50.
6. Courts should be arranged for Madrasa teachers.
7. Dining Hall and Darul Banat Ki Building Tamir Karna Hai.
8. A large hose 20/40 for water is to be repaired in the basement of the building of the dining hall so that water can be supplied easily.
9. Making Kafeel and Munzam to local schools.
10. Establish non-Ikamati Makatib for the Masturat of the area which is in great maqamat.
Alhamdulillah, with the advice of Maulana Abdul Shakoor Sahab Jami, our patron, we are trying to make the education and training of this madrasa better, and the children get all kinds of facilities. Make equal partners in this work and bless it with good development, madrasa and every kind of help, Amen Ya Rabbul Alaamin
1. लड़कियों के लिए दारूल इकामा (हॉस्टल) बनाना, ताकि इलाके की तालीबात कयाम तआम के साथ रहकर दिनी व असरी तालीम हासिल कर सके।
2. मदरसे के लिए एक लाइब्रेरी का निजाम बनाना।
3. हर तालिबे इल्म के लिए पलंग बिस्तर वगैरह का इंतजाम करना।
4. मदरसे के लिए जगह की किल्लत है फिलहाल जिस जगह मदरसे की इमारत मौजूद है यह 180/50 है इसलिए अहले खैर हज़रात की मदद से माज़ीद जगह खरीदना है।
6. मदरसे के टीचर्स के लिए कोर्टर्स का इंतजाम करना है।
7. डाइनिंग हॉल और दारुल बनात की बिल्डिंग तामीर करना है।
8. डाइनिंग हॉल की बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी के लिए एक बड़ी हॉज़ 20/40 की तामीर करना है ताकि पानी की सहूलत हो सके।
9. इलाके के मकातीब को खुद कफील बनाना और मुनज़ज़म करना।
10. इलाके के जो बड़े मकामात है वहा मस्तूरात के लिए गैर इकामती मकातीब काइम करना।
अल हमदुलिल्ला हमारे सरपरस्त मौलाना अब्दुल शकूर साहब जामई के मशोरे से हम कोशिश कर रहे हैं कि इस मदरसे का निज़ामे तालीम व तरबीयत बेहतर से बेहतर हो, और बच्चों को हर तरह की सहुलत हासिल हो, आप तमाम हज़रात दुआ करें कि अल्लाह ताला हम सबको इस काम में बराबर के शरीक बनाएं और इसको खूब तरक्कीयात से नवाजे, मदरसे की हर किस्म की मदद फरमाए, आमीन या रब्बुल आलमीन
अल हरमैन एजुकेशन एंड चैरिटेबल सोसायटी रिधोरा एक रजिस्टर्ड ऑर्गेनाइजेशन है, जिसकी निगरानी मे ईदारह ए विफाकुल मकातिब रिधोरा 2013 से उम्मत के तीनों तबको (मर्द औरतों और बच्चों) में बुनियादी इल्मे दीन और अखलाक़ी तालीम को असरी तालीम के साथ कुरान व हदीस की रोशनी में आम करने की कोशिश कर रहा है, ताकि उम्मत का हर फर्द अल्लाह तआला के हुक्म पर चले और आका ए नामदार हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स. के बताए हुए तरिके के मुताबिक जिंदगी गुजारे, जिससे वह एक अच्छा इंसान और एक अच्छा शहरी बने और मुल्क व मिल्लत बल्कि पूरी दुनिया में इंसानियत का पैगाम पहुंचाने वाला बने, अल्लाह तआला के फज़ल व करम से ईदारा ए विफाकुल मकातिब रिधोरा ऐसे मकातिब व मराकीज़ कायम करने की फिकर व कोशिश कर रहा है, दुआ फरमाएं अल्लाह तआला हमें इस मकसद में कामयाबी अता फरमाए।
Our madarsa serves as a community resource for students of all ages, teaching values rooted in compassion, wisdom, and service.